क्या स्वयं प्रकाशन लाभदायक व्यवसाय हो सकता है? (भाग 2)

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इस लेख के शीर्षक पर आधारित श्रृंखला में यह दूसरा प्रकरण है| इस लेख में उन आँकड़ों पर चर्चा एवं व्याख्यान है जो पिछले एक साल में सामने आयें हैं| अगर आप पूछें, “चुनीलाल पिछले एक साल में क्या किया और शीर्षक में लिखे प्रश्न पर अब क्या कहना है?” तो उस की भी कथा है| पिछले दस महीनों में मैंने एक नया काम किया| मैंने अपनी पुस्तकों का प्रकाशन  Google   Play   Books  पर किया है |  अब मेरी पुस्तकें  Amazon  और  Google   Play   Books  पर भी उपलब्ध हैं|   पहले  Google   Play   Books  की कथा 28 मार्च, 2020 को मैंने अपनी पुस्तकें  Google   Play   Books  पर डालनी शुरू कीं| मेरे पास अपनी पुस्तकों का  manuscript  तो पहले से तैयार पड़ा था| वह पुस्तकें  Amazon  पर पहले से प्रकाशित थीं |  इस लिए, मुझे  Google   Play   Books  पर अपनी पुस्तकों का  Catalogue  बनाने में ज्यादा समय नहीं लगा| इस में केवल एक बंदिश से निकलने में समय लगा| मेरी पहली लिखी हुई पुस्तकें  Amazon  पर पहले ही उपलब्ध थीं| मैंने सभी को  Kindle   Select   Programme  में डाल रखा था| उस से बहार निकलने में मुझे तीन महीने लग गए थे |  परन्तु 2020 के

भारत के संविधान का इतिहास - भारत में कंपनी शासन के समय के चार्टर अधिनियम 1773 - 1858 नोमिनेट हुई है|

Amazon ने पुस्तक "भारत के संविधान का इतिहास - भारत में कंपनी शासन के समय के चार्टर अधिनियम 1773 - 1858" को बिक्री बढ़ाने की योजना के लिए नोमिनेट करने की प्रक्रिया के लिए चिन्नित कर लिया है| 


अक्टूबर के महीने में इस की कम कीमत पर मिलने की सम्भावना है| इस प्रकार के चुनाव होने पर Amazon खुद से इस का प्रचार करता है| यह केवल Amazon sites पर ही होता है| इस से पुस्तक की बिक्री बढ़ने की सम्भावना बन जाती है| 




इस पुस्तक का ASIN no B07FN71L62 है|

मेरे लिए इस पुस्तक का चिन्नित होना बहुत ही उत्साहवर्धक है| इस के कुछ ठोस कारण हैं| एक तो इस पुस्तक की बिक्री बनी हुई है| दूसरा, मेरी पुस्तकों में यह वह पुस्तक है जिस को किसी अनजान पाठक ने रेटिंग दी है| एक लेखक के लिय इस प्रकार की रेटिंग बहुत मायने रखती है| 


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