क्या स्वयं प्रकाशन लाभदायक व्यवसाय हो सकता है? (भाग 2)

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इस लेख के शीर्षक पर आधारित श्रृंखला में यह दूसरा प्रकरण है| इस लेख में उन आँकड़ों पर चर्चा एवं व्याख्यान है जो पिछले एक साल में सामने आयें हैं| अगर आप पूछें, “चुनीलाल पिछले एक साल में क्या किया और शीर्षक में लिखे प्रश्न पर अब क्या कहना है?” तो उस की भी कथा है| पिछले दस महीनों में मैंने एक नया काम किया| मैंने अपनी पुस्तकों का प्रकाशन  Google   Play   Books  पर किया है |  अब मेरी पुस्तकें  Amazon  और  Google   Play   Books  पर भी उपलब्ध हैं|   पहले  Google   Play   Books  की कथा 28 मार्च, 2020 को मैंने अपनी पुस्तकें  Google   Play   Books  पर डालनी शुरू कीं| मेरे पास अपनी पुस्तकों का  manuscript  तो पहले से तैयार पड़ा था| वह पुस्तकें  Amazon  पर पहले से प्रकाशित थीं |  इस लिए, मुझे  Google   Play   Books  पर अपनी पुस्तकों का  Catalogue  बनाने में ज्यादा समय नहीं लगा| इस में केवल एक बंदिश से निकलने में समय लगा| मेरी पहली लिखी हुई पुस्तकें  Amazon  पर पहले ही उपलब्ध थीं| मैंने सभी को  Kindle   Select   Programme  में डाल रखा था| उस से बहार निकलने में मुझे तीन महीने लग गए थे |  परन्तु 2020 के

50 का माल 19 में


मेरी पुस्तक “आधुनिक भारत हिस्टोरियोग्राफी पर निबंध संग्रह” फरवरी 1 2020 से 19 रुपए में उपलब्ध होगी| इस की मूल कीमत 50 रुपए है| यह छूट की दर फरबरी 29, 2020 तक बनी रहेगी|

इस पुस्तक में नितीश सचदेवा मेरी सहयोगी लेखक हैं|

इस पुस्तक का अंग्रेज़ी रूप भी है| उस का preview निचे दिखाई पुस्तक में है|



इसी पुस्तक का विषय-वस्तु एक अन्य पुस्तक में इसी के अंग्रेज़ी रूप के साथ निचे दिखाई गई पुस्तक में भी उपलब्ध है|



एक अन्य पुस्तक में इसी पुस्तक का विषयवस्तु English/Hindi में साथ-साथ दिया गया है| उस पुस्तक का रूप निचे दिखाया गया है|




इस पुस्तक के आधार की विस्तृत व्याख्या इसी की प्रस्तावना में लिखी हुई है| इस प्रस्तावना का मूल सन्देश यही है कि हिस्टोरियोग्राफी के अध्ययन से इतिहास को समझने में परिपक्वता आती है| हिस्टोरियोग्राफी का अध्ययन इतिहास के छात्रों के लिए अति आवश्यक है| जो पाठक इतिहास के अध्ययन में रुचि रखते हैं, उन के लिए अपने इतिहास के बोध में परिपक्वता लाने के लिए उन्हें हिस्टोरियोग्राफी के सम्बन्ध में भी जागरूक होना चाहिए| इन्हीं आधारभूत तथ्यों के अनुरूप इस पुस्तक में पांच महत्वपूर्ण आलेख संकलित किए गए हैं|

इस पुस्तक में संकलित सामग्री की सूची इस प्रकार है|

प्रस्तावना
अध्याय 1. आधुनिक भारत की हिस्टोरियोग्राफी – एक परिचय
अध्याय 2. आधुनिक भारत के सम्राज्यवादी इतिहासकार
अध्याय 3. आधुनिक भारत के राष्ट्रवादी इतिहासकार
अध्याय 4. मार्क्सवादी इतिहासकार
अध्याय 5. उपनिवेशवाद का इतिहासलेखन
ग्रन्थसूची
लेखक का पत्र

Marketing of the Book


जो स्वयं लेखन में रुचि रखते हैं उन के लिए यह लेख अवश्य ही रुचिकर है|  

इस पुस्तक पर छूट Amazon ने खुद जारी की है| इस पुस्तक की मूल कीमत 50 रुपया है| Amazon इसे खुद से ही 60 प्रतिशत की छूट पर बेचने लगी है|

ऐसा नहीं है कि Aamzon ने कीमत में यह कटौती अपनी मनमर्जी से कर दी है| इस में Amazon ने मुझसे पहले से ही सहमती ले ली थी|

इस प्रकार की छूट देने के लिए Amazon आप की पुस्तक को nominate करती है और आप को कुछ शर्तों का पालन करने की बंदिश लगा कर आप से आप की स्वीकृति मांगती है| अगर आप इस प्रकार की स्वीकृति दे देते हैं तो Amazon अपनी चुनाव विधि के अनुरूप आप की पुस्तक पर छूट जारी कर देती है| इस छूट के चलते हुए आप की पुस्तक बहुत ही कम कीमत पर बिकने के लिए उपलब्ध करा दी जाती है| ऐसा करने के पीछे एक ही आधार है कि सस्ती मूल्य पर वस्तु बिकने की सम्भावना ज्यादा रहती है|

Royalty की दर:


इच्छुक पाठकों के मन में एक प्रश्न अवश्य ही उठा होगा कि इससे तो Royalty पर असर पड़ेगा|

अगर आप ऐसा सोच रहें हैं तो आप का अंदेशा बहुत सही है| आप की Royalty पर इस से फर्क पड़ेगा| 

आप की मूल आमद कम हो जाएगी| परन्तु आप की Royalty की दर कम नहीं होगी|

इसी पुस्तक और उस पर मिलने वाली छूट का उदाहरण बना कर कुछ विवरण प्रस्तुत हैं|


इस पुस्तक को Amazon पर बेचने के लिए हमने ( मैंने और मेरे सह-लेखक ने) Kindle Direct Publishing से जो अनुबंध किया है उस में हमने 35 प्रतिशत Royalty को स्वीकारा है|  इस प्रकार की शर्त मानने पर इस पुस्तक की कम से कम कीमत 49 रुपये ही हो सकती है|  इस के दो फायदे होते हैं| जब आप अपनी पुस्तक बिकने के लिए उपलब्ध कराते हैं उस समय आप को यह जानकारी नहीं होती है कि पाठक वर्ग में आप की पुस्तक को किस कीमत पर खरीदने में तैयार होगी| इस प्रकार का निर्णय लेने में आप को इस क्षेत्र के माहिर व्यवसाई की मदद लेनी पड़ेगी| शायद आप उस की फीस देने की स्थिति में न हो| इस हालत में आप के पास एक ही रास्ता होता है कि आप अपनी पुस्तक की कीमत कम से कम रख कर बाजार में उतरें| इस प्रकार की छूट मिलने पर आप इस प्रकार का अवसर मिल जाता है| परन्तु Royalty की आमद कीमत के अनुसार कम बनती है| 50 रूपय पर 35 प्रतिशत की दर पर 17.5 रूपय बनने थे| अब 19 रूपय पर 35 प्रतिशत के दर पर 6.65 रूपय Royalty बनेगी| इस प्रकार 11.15 रूपय कम मिलेंगे| Royalty की दर वही रहेगी| परन्तु अगर बड़ेगी तो Cash Flow भी बड़ेगा| इस बात की संभवना बनती है|



दूसरा फायदा यह होता है कि Amazon आप की पुस्तक को अपने पटल पर और अपनी कुछ योजनायों में जैसे Amazon Book Review में खुद ही दिखाने लगती है| उस योजना के editor, जिन्होंने आप की पुस्तक को छूट के लिए चुना होता है, वह फिर इस को प्रोत्साहन भी देते हैं|  इस प्रकार आप की पुस्तक Marketing Field के experts के हाथों प्रचलित होती है| इस को लिए आप को कोई चंदा भी नहीं  देना पड़ता है|


जितना आप अपनी पुस्तक की बिक्री में इच्छुक हैं उतना ही Amazon भी अपने पटल पर बिकने वाली वस्तु में रुची लेने को तैयार रहती है| आप उन के लिए कोई विशेष व्यक्ति नहीं है|  उन का फायदा बिक्री बड़ाने में है और विश्व स्तर पर में उन्होंने इस में अपना कीर्तिमान स्थापित किया है जिसे वह प्रति वर्ष अब बनाते रहते हैं|


इस प्रकार के चुनाव से एक और बात स्पष्ट हो जाती है कि आप की पुस्तक प्रकाशन के मूलभूत मापदंडों को पूरा कर रही है| आप की पुस्तक का निरीक्षण किया जाता है| उस को दक्ष सम्पादकों ने पढ़ा होता है और जब वह संतुष्ट होते हैं तो आप की पुस्तक को इस प्रकार का समर्थन मिलता है| कुछ प्रकाशन Coach, जिन के बारे में मैंने अपने पिछले लेखों में चर्चा की है, बताते हैं कि आप Amazon के उन सम्पादकों को अपनी सिफारिश खुद भी कर सकते हैं और इस प्रकार का विशेष दर्जा प्राप्त कर सकते हैं| इस प्रकार के विषय पर किसी अन्य लेख में और भी गहन चर्चा करूंगा|


क्या खुद Marketing करनी चाहिए?


Marketing करने का प्रश्न सभी स्वयं-लेखकों के लिए अरबों रूपय का प्रश्न है| मैंने भी इस को जरूरी बताया है| मैंने ऐसा अपने दो साल के अनुभव के आधार पर कहा है| मैं अभी इस में इतना दक्ष नहीं हूँ परन्तु इस बात के अनुभव को मैं बहुत महत्व देता हूँ| जो Self-Publishing के coach हैं वह इसे बहुत आवश्यक मानते हैं|


मैंने अपनी इस पुस्तक की कोई विशेष marketing नहीं की है| परन्तु अब करनी बनती है| मैं उस के लिए जो करूंगा वह इस प्रकार है|


मैं Facebook पर इस पुस्तक का Page बनाऊंगा| उस Page को promote करने के लिए मैं Facebook की advertisement schemes पर रकम भी खर्च करूँगा| मैंने पहले ऐसा अपनी एक पुस्तक के लिए किया भी है| अब भी ऐसा करना बनता है| इस का एक कारण है कि Amazon के दिग्गज तो पहले से ही मेरी पुस्तक को एक महीने के लिए promote कर रहे हैं| अगर जलती आग में मेरी तरफ से भी घी डल जाए तो तप्पश ज्यादा हो सकती है| बेशक यह कम कीमत पर बिक्री के लिए है परन्तु यह एक गूढ़ ज्ञान है कि लेखन जितने ज्यादा हाथों में पहुंचेगा उतना ही लेखक को अपनी अगली कृतियों के लिए लाभदायक रहता है| इस लिए यह एक अवसर है जब खुद की marketing पर पैसे खर्च करने का अवसर बनता है|


इस के अलावा मैंने जिन marketing के अन्य प्रकार की विधियों की बात अपने भिन्न लेखों में कर रखी है मैं उन को प्रयोग में लाऊंगा| मेरा यह लेख भी उसी विचार से लिखा गया है|

आप से एक अनुरोध:


अगर आप को मेरे सुझाव अच्छे और लाभकारी लगते हैं तो मेरी पुस्तक खरीदें और फिर Amazon पटल पर मेरी पुस्तक को Ranking दें और हो सके तो अपनी टिप्पणी भी लिखें| अगर आप खुद एक लेखक बनना चाहते हैं यां हैं तो दुसरे लेखक से साथ जुड़ना भी marketing का एक पहलू है|

धन्यवाद


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